. 5 फरवरी भीष्म अष्टमी - निर्वाण दिवस /भीष्म पितामह की जीवन गाथा

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 भीष्म पितामह की जीवन गाथा भीष्म पितामह का जन्म का नाम देवव्रत था. इनके जन्म कथा अनुसार इनके पिता हस्तिनापुर के राजा शांतनु थे. एक बार राजा शांतनु, गंगा के तट पर जा पहुंचते हैं, जहां उनकी भेंट एक अत्यंत सुन्दर स्त्री से होती है. उस रुपवती स्त्री के प्रति मोह एवं प्रेम से आकर्षित होकर वे उनसे उसका परिचय पूछते हैं और अपनी पत्नी बनने का प्रस्ताव रखते हैं. वह स्त्री उन्हें अपना नाम गंगा बताती है और उनके विवाह का प्रस्ताव स्वीकार करते हुए एक शर्त भी रखती है, की राजा आजीवन उसे किसी कार्य को करने से रोकेंगे नहीं और कोई प्रश्न भी नहीं पूछेंगे. राजा शांतनु गंगा की यह शर्त स्वीकार कर लेते हैं और इस प्रकार दोनो विवाह के बंधन में बंध जाते हैं. गंगा से राजा शान्तनु को पुत्र प्राप्त होता है, लेकिन गंगा पुत्र को जन्म के पश्चात नदी में ले जाकर प्रवाहित कर देती है. अपने दिए हुए वचन से विवश होने के कारण शांतनु, गंगा से कोई प्रश्न नहीं करते हैं . इसी प्रकार एक-एक करके जब सात पुत्रों का वियोग झेलने के बाद, गंगा राजा शांतनु की आठवीं संतान को भी नदी में बहाने के लिए जाने लगती है तो अपने वचन को तोड़ते हु...

बूँदी छतरी प्रकरण/आगे की रणनीति, राव सूरजमल हाड़ा

 " बूँदी छतरी प्रकरण - आगे की रणनीति"

राव सूरजमल हाड़ा बूंदी का परिचय 

👉 1) छतरी किसी भी परिस्थिति मे सरकार के सहायता द्वारा नही बल्कि समाज के सहयोग से खुद ही बनानी है, यह कार्य 8 अक्टूबर को ही शुभारंभ होना चाहिए।।


👉2) छतरी के पास तोडी हुयी छतरी का अवशेष का मेमोरियल बनाया जाए :- इस मेमोरियल मे बडी पट्टीका लगाकर निम्नलिखित तथ्य लिखने है :-

     क) यह राव सूरजमल जी की छतरी हिदुतव के भेष मे छिपी हुयी आरएएस भाजपा की सरकार द्वारा क्षत्रिय विद्वेष मे बामियान बुध्द की मूर्ति की तर्ज तालिबान की तर्ज पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला के इशारे पर तोडी गयी।।

   ख) इस छतरी तोडने के समय नकारा तथा कायर राजपूत लिडरशिप जिसमे उपमुख्यमंत्री तथा कला संस्कृति दिया कुमारी, केंद्रीय मंत्री पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेन्द्र राठौड़, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, गजेंद्र सिंह खींवसर तथा अन्य राजपूत लिडरशिप के रहते यह छतरी तोडी गयी।। ताकि इस नकारा राजपूत लिडरशिप का आने वाली पीढ़ियों को पता रहे।।


👉3) सिक्खों के आनंदपुर साहिब resolution की तरह राजपूतो का बूंदी राव सूरजमल संकल्प जारी होना चाहिए -

       १) निम्नलिखित शर्ते नही मानने तक भाजपा आरएसएस का पूर्ण बहिष्कार -

        👉 EWS केंद्र मे सरलीकरण हो।।

       👉पंचायती राज ews आरक्षण प्रदान किया जाए।

       👉 इतिहास विकृतिकरण के रोकथाम के लिए स्वायत्त " क्षत्रिय इतिहास संरक्षण काउंसिल का गठन हो।।

       👉 राव सूरजमल हाडा के नाम पर कोटा एयरपोर्ट   

            का नामकरण हो।।

         👉 राजपूत बाहुल्य सीट राजपरिवारो को ना दी 

              जाए।।

           👉सुनियोजित रुप से भाजपा द्वारा राजपूत प्रतिनिधित्व कम किया जा रहा है उस पर रोक लगे।


    👉२)राजपूत किसी भी कट्टरपंथी विचारधारा का समर्थन नही करता चाहे किसी भी धर्म आधारित हो।।

   👉 ३) राजनैतिक रुप से एक ही पार्टी की गोद मे बेठने की बजाय राजनैतिक दलों को समर्थन के लिहाज से विविधीकरण हो।। किसी भी दल मे कोई राजपूत लिडरशिप हो उसका समर्थन हो।।

  👉 ४)बिजनेस - व्यापर के मुद्दे को समाज के विमर्श का मुद्दा बनाया जाए, यही वास्तविक रुप से समाज का सशक्तिकरण का रास्ता हो सकता है... दुर्भाग्य से यह नदारद है।।


4) छतरी निर्माण पश्चात शिलालेख अंकीत किया जाएं और उसमें महाराजा सूरजमल हाड़ा का सम्पूर्ण परिचय वह व्यक्तित्व का परिचय अंकन किया जाएं। 


5 ) राव सूरजमल हाड़ा की अश्वारूढ़ आदमकद प्रतिमा संबंधित स्थान ओर कोटा के विभिन्न चोराहों पर स्थापित किया जाएं, जिससे लोगो को इनके बारे में जानने की जिज्ञासा अनायास ही उत्पन्न हो।

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 आपके विचार आमंत्रित है 


सादर।।।




     

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